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Sunday, April 26, 2020

मध्य प्रदेश में 1 लाख, छत्तीसगढ़ में 15 हजार शादियां टलीं; ज्वैलरी न बिकने से राजस्थान में 1.5 हजार करोड़ का नुकसान

हमारे देश में कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। लेकिन, अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन होता है, जब कोई भी शुभ काम शुरू करने के लिए किसी शुभ मुहुर्त की जरूरत नहीं होती। यही कारण है कि इस दिन देशभर में सबसे ज्यादा शादियां होती हैं।


एक अनुमान के मुताबिक, देश में हर साल 1 करोड़ से ज्यादा शादियां होती हैं। इनमें से ज्यादातर शादियां अक्षय तृतीया के दिन ही हो जाती है। लेकिन, इस बार कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से शादियां टल गई हैं।


शादियां टलने का असर ज्वैलरी बाजार पर भी पड़ना तय है। क्योंकि, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट बताती है कि एक दुल्हन के लिए औसतन 200 ग्राम तक की ज्वैलरी खरीदी जाती है। इस दिन सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है, इसलिए ज्यादातर लोग भी ज्वैलरी खरीदते हैं। पिछले साल ही अक्षय तृतीया पर 23 हजार किलो सोने की बिक्री हुई थी।


हालांकि, इस बार कोरोनावायरस ने सबकुछ खराब कर दिया। भास्कर ने जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों में जाकर स्थिति समझने की कोशिश की तो पता चला कि अक्षय तृतीया पर शादी-विवाह और खरीददारी नहीं होने की वजह से 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।

1) मध्य प्रदेश : 1 लाख से ज्यादा शादियां टलीं, 2 से 3 हजार करोड़ का नुकसान
अक्षय तृतीया पर पूरे प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा शादियां होती हैं। इस दौरान हर साल 2 से 3 हजार करोड़ रुपए का कारोबार भी होता है। लेकिन, शादियों के टलने से इस बार इतना कारोबार होने की जरा भी उम्मीद नहीं है।


इसी तरह, राज्य में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत 26 अप्रैल को 25 से ज्यादा शादियां होनी थीं, जिन्हें भी टाल दिया गया है। इन शादियों पर सरकार का 127 करोड़ रुपए खर्च होता।

सूरत के हीरा कारोबारी महेशभाई सवाणी ने 23 दिसंबर 2018 को 261 युवतियों की शादी करवाई थी। इनमें 6 मुस्लिम और तीन ईसाई थीं।

2) राजस्थान : लॉकडाउन में मौन रहेंगी शहनाइयां, 1.5 हजार करोड़ का होगा नुकसान
अक्षय तृतीया के दिन होने वाली 20 हजार से ज्यादा शादियां टल गई हैं। शादी-विवाह से जुड़े एक कारोबारी का अनुमान है, 16 से 30 अप्रैल तक राज्य में होने वाले 25-30 हजार शादी-विवाह पहले ही टल चुके हैं। इससे करीब 1.5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। राजस्थान किराया टेंट व्यापार व्यवसाय समिति के अध्यक्ष रवि जिंदल के मुताबिक, कोरोना का असर मई में होने वाली शादियों पर भी पड़ेगा।


3) छत्तीसगढ़ : 15 हजार शादियां होनी थीं, करोड़ों का कारोबार अटका
पिछले साल आचार संहिता और इस बार कोरोना की वजह से अक्षय तृतीया के दिन सरकार की तरफ से कराए जाने वाले शादी-विवाह टल गए हैं। इस साल सरकार की तरफ से 10 हजार और समाज की तरफ से 5 हजार शादी-विवाह होने थे, लेकिन सभी की तारीखें आगे बढ़ गई हैं। सरकार की ओर से होने वाले सामूहिक विवाह में हर जोड़े पर 25 हजार रुपए खर्च के हिसाब से 25 करोड़ रुपए का बजट तय था।


इसके साथ ही बैंड, टेंट, डीजे, सराफा, होटल, कपड़ों समेत हजार करोड़ रुपए का कारोबार अटक गया है। राजधानी रायपुर में ही सराफा कारोबारियों को एक दिन में 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।


4) उत्तर प्रदेश : लखनऊ में 501 शादियां टलीं, इसमें राष्ट्रपति भी आने वाले थे
लखनऊ के समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ के मुताबिक, 5 मई को सामूहिक विवाह योजना के तहत 501 जोड़ों की शादियां होनी थीं। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शिरकत करने वाले थे। लेकिन, लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम टल गया है।


लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद पड़े हैं और सराफा दुकानों पर ताले लटके हैं। आदर्श सराफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश सोनी बताते हैं, लॉकडाउन के कारण हर दिन कारोबारियों को 7 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अकेले अक्षय तृतीया के दिन ही 1200 करोड़ रुपए का नुकसान होने का आंकलन है। इस दिन लखनऊ में ही 200 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है, लेकिन इस बार इसके भी चांस नहीं हैं।

ये तस्वीर एक राजस्थानी महिला की है, जिसकी शादी पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर अहमदाबाद में हुए सामूहिक विवाह समारोह में हुई थी।


5) बिहार : अक्षय तृतीया पर 100 करोड़ की ज्वैलरी बिकती है, लेकिन इस बार सब बंद
अक्षय तृतीया के मौके पर बाजारों में खूब रौनक रहती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार बाजार सूने हैं। पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि, पिछले साल अक्षय तृतीया पर 45 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। लॉकडाउन नहीं रहता तो इस बार 50 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद थी। वहीं, राज्यभर में करीब 100 करोड़ रुपए की ज्वैलरी बिकती थी। इसके अलावा, इस बार शादियां टलने की वजह से कोई एडवांस ऑर्डर भी नहीं है।


6) महाराष्ट्र : ज्यादातर शादियां या तो कैंसिल हो गईं या आगे बढ़ गईं
कोरोना से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र में भी अक्षय तृतीया के दिन होने वाली शादियां टल गई हैं। यहां गुड़ी पड़वा के बाद इसी को शुभ मुहूर्त माना जाता है। लेकिन, गुड़ी पड़वा भी लॉकडाउन में गुजरा और अक्षय तृतीया में भी यही हालात हैं।


अकेले मुंबई की बात करें तो साउथ मुंबई में 55, सेंट्रल मुंबई में 49, वेस्टर्न मुंबई में 141, नॉर्थ मुंबई में 96, नॉर्थ-ईस्ट मुंबई में 65 और मुंबई से सटे ठाणे और नवी मुंबई में करीब 75 से ज्यादा रजिस्टर्ड मैरिज और बैंक्वेट हॉल हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में इनमें से 70% बुक हो चुके थे। लेकिन, लॉकडाउन के बाद लोगों ने या तो शादी ही कैंसिल कर दी है या आगे बढ़ा दी है।


शादियां कैंसिल होने के बाद होटल्स भी बुकिंग के पैसे वापस कर रहे हैं।


7) पंजाब : 8 हजार शादियों की तारीख बदली
पंजाब की ढाई करोड़ की आबादी में से ज्यादातर लोग सिख मान्यता के अनुसार गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब को साक्षी मानकर शादी करते हैं। इसे आनंद कारज कहते हैं। यहां अक्षय तृतीया जैसे किसी मुहूर्त का कोई खास महत्व नहीं होता। हिंदू मान्यता मानने वाली सामाजिक संस्था विवाह करवाती हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा।


राज्य में 16 से 30 अप्रैल के बीच 8 हजार से ज्यादा शादियां होनी थीं, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के कारण इन्हें टाल दिया गया है। इस बीच कुछ शादियां हुई भी हैं, लेकिन उनमें परिवार के दो-तीन सदस्य ही शामिल हुए।



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