तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की हत्या पर देशभर में गुस्सा है, पर आरोपी पुलिसकर्मी बेखौफ हैं। मद्रास हाईकोर्ट ने सातनकुलम थाने का प्रभार रेवेन्यू डिपार्टमेंट को दे दिया है। कोर्ट के आदेश पर चार्ज लेने वाले तहसीलदार सेंथूर राजन और उनकी टीम को भी पुलिस कर्मियों की बदसलूकी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिसकर्मी डराने के इरादे से उन्हें घूर रहे हैं। मुंह चिढ़ा रहे हैं।
तहसीलदार राजन ने बताया कि उन्हें थाना चलाने का कोई अनुभव नहीं है। कोर्ट के आदेश पर थाने का प्रभार संभाल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सरकारी गवाह बनने को तैयार हुई चश्मदीद हेड कांस्टेबल रेवती को पुलिसकर्मियों ने जान से मारने की धमकी दी है। फिलहाल रेवती के घर पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
रेवती ने कहा, पिता-पुत्र को रातभर पुलिस ने पीटा
रेवती ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को दी गवाही में कहा है, ‘पी. जयराज और उसके बेटे फेनिक्स को पूरी रात पुलिसकर्मियों ने बारी-बारी से पीटा था और इनके खून से लाठी और टेबल सन गई थी।’ इस दौरान पुलिसकर्मियों ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भारतीदासन से बदसलूकी की थी।
मजिस्ट्रेट को धमकी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई
कोर्ट ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को धमकी देने वाले एएसपी डी कुमार, डीएसपी प्रतापन और कांस्टेबल महाजन के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। गृह विभाग ने इन्हें सजा की प्रतीक्षा सूची में रखा था। इसके 24 घंटे के भीतर ही इन्हें नई पोस्टिंग मिल गई है। डी कुमार को नीलगिरी में पीईडब्ल्यू के एएसपी के रूप में तैनाती दी गई है। वहीं प्रतापन को पुधुकोट्टई में डीएसपी की तैनाती मिली है।
सीबी-सीआईडी ने जांच शुरू की
दूसरी तरफ सीबी-सीआईडी ने जांच शुरू करते हुए पी. जयराज और बेटे फेनिक्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर रघु गणेश समेत 6 पुलिसकर्मियों पर 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के डीजीपी, तूतीकोरिन के एसपी को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि पी.जयराज और उसके बेटे फेनिक्स को लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। थाने में इन्हें बेरहमी से पीटा, जिससे 22 जून को दोनों की मौत हो गई थी।
देश का हाल: पिछले साल पुलिस हिरासत में 74% मौतें टॉर्चर से
देश में पिछले साल पुलिस हिरासत में 125 लोगों की मौत हुई। इनमें से 74% की मौत टॉर्चर से हुई। पिछले साल पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा 14 मौतें यूपी में हुईं।
राज्य | पुलिस हिरासत में मौतों की संख्या |
यूपी | 14 |
तमिलनाडु | 11 |
पंजाब | 11 |
बिहार | 10 |
मध्य प्रदेश | 09 |
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VCLtxW
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box