(महेंद्र शर्मा)राजस्थान में बूंदी जिले के हिंडाैली कस्बे में एक ऐसा मंदिर है, जहां से मूर्ति चुराकर ले जाने पर कोई पुलिस केस दर्ज नहीं कराया जाता। यहां रामसागर झील किनारे रघुनाथ घाट मंदिर से पार्वतीजी की मूर्ति चुराने के पीछे की वजह अनूठी है। मान्यता है कि जिस युवक की शादी नहीं हो पा रही, अगर वह इस मंदिर से गुपचुप पार्वती की मूर्ति चुरा ले जाए तो उसकी शादी जल्द हो जाती है। यही वजह है कि कुंवारे मंदिर से रात के अंधेरे में गुपचुप मां पार्वती की मूर्ति उठा ले जाते हैं।
कुंवारों को करना पड़ सकता है लंबा इंतजार
मंदिर में महादेव (शिवलिंग) के बगल में ही पार्वतीजी की मूर्ति स्थापित है। पर महादेव जोड़े के साथ कम ही नजर आते हैं, क्योंकि कुंवारे पहले से ताक में रहते हैं। फिलहाल, सावन केपहले से पार्वतीजी महादेव से बिछुड़ी हुई हैं। वे किसी कुंवारे के घर होम क्वारैंटाइन में हैं। लॉकडाउन के चलते इस बार अक्षय तृतीया जैसे मुहूर्त पर भी शादियां नहीं हुईं। लॉकडाउन नहीं टूटा और शादियां नहीं हुई तो जुलाई से चार महीने के लिए देव सो जाएंगे, ऐसे में कम ही उम्मीद है कि पार्वतीजी महादेव के पास जल्द लौट आएंगी। कतार में लगे कुंवारों को इस बार लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
अब तक 15-20 बार पार्वतीजी की मूर्ति चोरी हो चुकी है
पिछले 35 साल से मंदिर में पुजारी के रूप में सेवा दे रहे रामबाबू पाराशर बताते हैं कि अब तक 15-20 बार पार्वतीजी की मूर्ति चोरी हो चुकी है। चुराने वालों की शादियां भी हो चुकी हैं। हमें चोरी का पता चल भी जाता है तो भी किसी को टोकते नहीं। साल में बमुश्किल एक-दो महीने ही पार्वतीजी की प्रतिमा मंदिर में विराजित रह पाती हैं। लौटते ही उन्हें फिर कोई चुरा ले जाता है।
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