नई दिल्ली.कोविड-19 का प्रकोप झेल रहे अमेरिकियों के लिए कुछ आंकड़ों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। जिस वायरस से बुजुर्गों अधिक प्रभावित होते हैं, उसकी चपेट में युवाओं के आने से तूफान खड़ा हो गया है। कारणों का विश्लेषण शुरू हो गया है। डिसीज कंट्रोल प्रिवेंशन सेंटर की 18 मार्च की रिपोर्ट में बताया गया था कि करीब 40%बीमार लोगों की आयु 55 साल से कम है। इनमें से आधे लोगों की आयु 20 से 44 वर्ष के बीच है।
अमेरिका में 19 से 55 वर्ष की आयु के लोगों की आबादी में संख्या 47% है। डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद अलेक्जेंड्रिया ओकेसियो कॉर्टेज (30 वर्ष) ने बताया कि ‘न्यूयॉर्क राज्य में 55% मामले 18 से 49 साल की आयु के लोगों के हैं’। इसके बाद सीडीसी ने अस्पतालों में भर्ती लोगों के विस्तृत आंकड़े नहीं दिए हैं। फैलाव के शुरुआती दौर में युवाओं के प्रभावित होने के कुछ कारण हो सकते हैं। अमेरिका में सबसे पहले न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में कोरोना ने पांव पसारे हैं। यह शहर देश के अन्य इलाकों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक युवा है। लॉकडाउन लागू होने से पहले बार, रेस्त्रां और सबवे में युुवाओं की ज्यादा भीड़ रही होगी। ऐसे भीड़ भरे स्थानों में बीमारी जल्दी फैलती है।
हमारे युवा खतरों के प्रति लापरवाह हैं: ट्रम्प
युवाओं के बारे में चिंता के कई कारण हैं। चीन में वायरस पर रिसर्च से पता लगा है कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित मोटे लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका में ये सब फैक्टर हैं। इटली में लगभग 20% व्यक्ति मोटे हैं तो अमेरिका में 36%। 10% से अधिक अमेरिकी डायबिटीज के मरीज हैं। इनमें सभी बुजुर्ग नहीं हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं, ‘कई युवा खतरे की गंभीरता महसूस नहीं करते हैं’।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Us15Ef
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box